Getalsud में चंदन का दुकान में रुका
Real Shaktimaan Official
चारों दिशाओं धरती आकाश और अंतरिक्ष को साक्षी मानकर जगत के सभी सजीव और निर्जीव जीव जंतुओं और वनस्पति को साक्षी मानकर भूत भविष्य और वर्तमान को साक्षी मानकर अंधकार से लड़ने वाले प्रकाश के प्रत्येक किरण को साक्षी मानकर, ब्रह्मांड की पंच तत्व-अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश को साक्षी मानकर मैं, प्रण लेता हूं। realshaktimaanofficial.blogspot.com is ranked #1 in the Arts and Entertainment/TV Movies,Computers Electronics Technology/Social Networks and Online Communities and #1 #2 #3 #4 Globally.
Sunday, October 26, 2025
Wednesday, October 22, 2025
REAL SHAKTIMAAN ( KALKI )
20 वीं सदी की बात है ।
भारत देश के बिहार राज्य में एक गाव बसा हुआ था। उस गाव का नाम था 'हुण्डरू' ।
हुण्डरू गांव आदिवासी , अनुसुचित गांव था।
यहां के आदिवासी लोग सरल जीवन यापन कर रहे थे। जंगलों वन उपजों से जीवन चल रहा था।
गरीबी बहुत ज्यादा थी। कुछ लोग पैसा शहरों में रोजाना जाते थे और कुछ लोग शहरों में ही रुककर काम करके पैसा कमाते थे और त्योहारों में गाव आते थे। अलग अलग त्योहारों में गाव आते त्योहारों को मानते और फिर शहरों में चले जाते।
गाव के लोग खेतीबाड़ी करते,सब्जी उगाते और स्थानीय बाजारों में बेचकर, जरूरत का सामान खरीदकर घर परिवार चलते रहे थे
और जीवन यापन कर रहे थे।
गाव के लोग खेतीबाड़ी करते,सब्जी उगाते और स्थानीय बाजारों में बेचकर, जरूरत का सामान खरीदकर घर परिवार चलते रहे थे
और जीवन यापन कर रहे थे।
Hundru गाव में ही जन वितरण प्रणाली की दुकान चल रहीं थीं।
गाव के लोगों को और आमने सामने के गाव के लोगों को सरकार की और से राशन कार्ड के माध्यम से जन वितरण प्रणाली की दुकान से चावल, मिट्टी तेल, नमक आदि मिल रहा था जिससे गरीब लोगों को जीवन यापन करने में सहयोग मिल रहा था।
गाव के लोग साप्ताहिक बाजार,जैसे, सिकिदिरी, गेतलसूद बाजारों से जरूरत का समान खरीदते थे।
गाव के लोग जंगल से लकड़ी काटते और महिलाएं सर पर ढोकर सिकिदिरी बाजार जाते जरूरत का समान खरीदकर लाते थे, पुरुष लोग भी साइकिल से लकड़ी का बोझा बाँधकर सिकिदिरी बाजार जाते और जरूरत का समान खरीदकर लाते थे और अपना परिवार चलाते थे।
गाव के लोग खेती-बाड़ी भी करते और बाजारों में बेचते और परिवार का गुजारा करते थे।
आदिवासी क्षेत्र और जंगल क्षेत्र होने के कारण, पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण बड़े पैमाने पर खेती-बाड़ी नहीं हो पाती थी।
सन 1997 में जन्म हुआ एक बच्चा- जिसका नाम रखा गया सोनु बेदिया ।
सोनु बचपन से ही सरल स्वभाव का था और मंदबुद्धि था।
सोनु को पढाई में मन बहुत कम लगता था।
सोनु का मन खेलने में ज्यादा लगता था।
सोनु स्कूल से हमेशा बचता था।
स्कूल नहीं जाने के लिए अलग-अलग उपाय निकालता था।
स्कूल नहीं जाने के लिए अलग-अलग जगह पर छिप जाता था।
कभी स्कूल जाते समय सड़क के किनारे पेड़ पर चढकर छिप जाता, तो कभी फसल के खेतों में छिप जाता और गाव के सभी विद्यार्थियों को जाने देने के बाद फिर घर आ जाता और गाव के बच्चों के साथ खेलता और फिर रात को घर नहीं आता तो कहीं छिप कर बैठा रहता।
Story will update....>>>>>>>>>
# खुद को पहचाना, शक्तिमान बना।
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# मोक्ष प्राप्त किया
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# अपने गाव को महा गुलाम से आजाद किया।
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#school life
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# Yug parivartan...
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#जीवन की घटनाएँ...
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Saturday, September 27, 2025
गिर गई थी और बेहोश हो गई थी
ग्राम हुण्डरू निवासी एक बच्ची हुण्डरू फाल के मुख्य द्वार दूसरी छोर में गिर गई थी और बेहोश हो गई थी।
जानकारी के अनुसार और बच्ची के साथ साइकिल चलाने सीख रहीं थीं।
किसी ने उसे घर पहुंचाया। उसके परिजनों ने मुझे बच्ची का इलाज के लिए मुझे डॉक्टर के पास ले जाने को कहा। फिर मैं तुरंत उसे इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले गया।
बच्ची को पैर और पेट में चोट लगी है। शरीर दर्द दे रहा है।
इलाज किया जा रहा है। स्वास्थ्य जल्द ही समान्य हो जाएगी।
धन्यवाद
Tuesday, November 19, 2024
मोक्ष वेद
1. शुद्र
शक्तिमान के साथ आदर्शो के विपरीत होना।
1. झूठ नहीं बोलना।
2. चोरी नहीं करना।
3. हिंसा नहीं करना।
4. अपने से बड़े और बुजुर्गों की इज्जत करना।
5. दूसरों की मदद करना।
6. स्वावलंबी बनाना।
7. कभी नशा नहीं करना।
मनुष्य की मुलभूत चीजें भोजन वस्त्र मकान ।
2.वैश्य
शक्तिमान के साथ आदर्श।
1. झूठ नहीं बोलना।
2. चोरी नहीं करना।
3. हिंसा नहीं करना।
4. अपने से बड़े और बुजुर्गों की इज्जत करना।
5. दूसरों की मदद करना।
6. स्वावलंबी बनाना।
7. कभी नशा नहीं करना।
मनुष्य की मुलभूत चीजें भोजन वस्त्र मकान ।
3. क्षत्रिय
शक्तिमान के साथ आदर्श।
1. झूठ नहीं बोलना।
2. चोरी नहीं करना।
3. हिंसा नहीं करना।
4. अपने से बड़े और बुजुर्गों की इज्जत करना।
5. दूसरों की मदद करना।
6. स्वावलंबी बनाना।
7. कभी नशा नहीं करना।
शक्तिमान के साथ आदर्श।
काम,क्रोध,मोह,लोभ,मद तथा मत्सर पर नियंत्रण करना।
हमेशा मुख में 'ओम मंत्र' का गुंजना।
पंच ज्ञान इन्द्रियों में नियंत्रण।
ज्ञान इंद्रियां - आंख,नाक,कान,जीभ और त्वचा।
पंचतत्व - अग्नि,जल,वायु,पृथ्वी और आकाश।
मनुष्य की मुलभूत चीजें भोजन वस्त्र मकान ।
भय,क्रोध,चिंता और खिन्नता को नियंत्रिण करना या मुक्त होना।
यह छः अवगुणों पर नियंत्रण।
1. काम
2. क्रोध
3. मोह
4. लोभ
5. मद
6. मत्सर
योग,प्राणायाम,जप तप, ध्यान को अपने जीवन में अपनाना अनिवार्य।
जब योग और मुद्रा का अभ्यास किया जाता है, तो चक्र संतुलित हो जाते हैं और हमारी प्रणाली को शारीरिक और भावनात्मक दोनों ही तरह से एक स्थिर, संतुलित तरीके से कार्य करने में सक्षम बनाते हैं। इन में कुछ योग आसन शामिल हैं:
जब तक चक्र जागृत ना हो तब तक इंसान को उसके होने का पता भी नहीं चलता है। जब यह जागृत होता है तभी उस चक्र का होने का इंसान को अनुभव होता है।
परिभाषा।
1. काम - (आलस्य)
1. दोस्तों काम आधारित आलस्य आलस्य निर्धनता की जननी है आलस्य करने से मनुष्य का विभिन्न तरह से नुकसान होता है दोस्तों जैसे कि आपका कीमती सामान ही कहीं पढ़ा है और बारिश हो रहा हो जाए उसे चोरी होने की आशंका हो तो भी आप आलस्य के कारण आप उसे सुरक्षित स्थान पर नहीं रखते हैं ऐसे में वह सामान चोरी हो जाती हैं और आपका व कीमती सामान चोरी होने से आपका आर्थिक रूप से नुकसान होता है यह एक छोटी सी असावधानी के कारण आपकी आलस्य के कारण।
2. क्रोध
दोस्तों पीने के लिए कोई चीज है तो क्रोध। दोस्तों यह सत्य है परंतु यह कहां तक साथ है दोस्तों क्रोध मनुष्य को बहुत तरह से नुकसान पहुंचाता है दोस्तों क्रोध के कारण मनुष्य विभिन्न प्रकार से नुकसान कुछ मिलता है क्रोध के कारण कई बार रिश्ते नाते टूट जाते हैं। जिससे बाद में अपने क्रोध के कारण रिश्ते टूटने से हमें पछतावा होता है।
दोस्तों क्रोध के कारण कई बार हम कीमती सामानों को तोड़ देते हैं कई बार किसी अन्य के सामानों को भी तोड़ देते हैं क्रोध के कारण लोग अपने कीमती मोबाइल को भी तोड़ देते हैं टीवी को भी तोड़ देते हैं ऐसी बहुत सारे उदाहरण है दोस्तों कीमती सामानों को तोड़ते हैं नुकसान पहुंचाते हैं जबकि वह सामान हमारा अपना होता है और हमें आर्थिक रूप से नुकसान होता है और बाद में हम पछतावा होता है किसी और का भी सामान को क्षति पहुंचाते हैं जिससे हमें बाद में उसका भरपाई करना पड़ता है और इससे भी हमें पछतावा ही होता है दोस्तों।
3. मोह
दोस्तों कई बार हम मुंह में पड़ जाने के कारण अपने कर्तव्य को भूल जाते हैं हम सही रास्ते में जाने की बजाय हम उस रास्ते से भटक जाते हैं जिसे कई लोगों को बहुत दुख होता है कई लोगों को मदद करने में हम पीछे हट जाते हैं कि नहीं तो हम मदद नहीं कर पाते हैं क्योंकि हम मोह में पड़ जाते हैं दोस्तों में पड़ जाने का और भी बहुत सारे नुकसान है उदाहरण के तौर पर कोई इंसान जब किसी स्त्री के मुंह में पड़ जाता है तो उसे उसे अपने माता-पिता का भी ख्याल नहीं रहता अपने माता-पिता को भी मारपीट करता है मुंह के कारण रिश्ते नातों को भी तोड़ने पर उतारू हो जाते हैं किसी लक्ष्य को प्राप्त करने में ना काम हो जाने में भी मौका भूमिका होता है जिससे लाखों लोगों के कल्याण होने की बजाय उनका कल्याण हो जाता है दोस्तों। मुंह में पड़ जाने से इंसान का कार्य क्षमता कम हो जाता है उनमें आलसी भी पड़ जाता है कार्य करने की क्षमता भी घट जाती है कान्हा में भी पड़ जाता है वह डिप्रेशन में भी चला जाता है उससे से लोग ही आना शुरू हो जाता है जो अवगुण है इसके पश्चात कोई कार्य ठीक से ना होने के कारण उसमें क्रोध भी जन्म ले लेती है दोस्तों और क्रोध के भी आ जाने के कारण मद तथा मदसर भी उस इंसान पर लागू हो जाती है दोस्तों वह उसका सेवन करने के लिए मजबूर हो जाता है।
4. लोभ
5. मद-
6. मत्सर
सात यौगिक चक्रों को जागृत करना या होना।
1. सहस्रार चक्र- चोटी का स्थान के पास
2.आज्ञा चक्र - दोनों भौंहों के बीच।
3. विशुद्धाख्य चक्र -कंठ में।
4.अनाहत चक्र-हृदय में।
5.
6.
7.
कल्कि - कलह क्लेश से मुक्त करने वाला।
4. ब्राह्मण
शक्तिमान के सात आदर्शों के पालन करने की साथ-साथ छः अवगुणों को नियंत्रित करना अनिवार्य है। साथ ही साथ क्षत्रिय श्रेणी के नियमों का पालन करना या अनुभवी होना।
भय,क्रोध,चिंता और खिन्नता को नियंत्रिण करना या मुक्त होना।
मनुष्य की मुलभूत चीजें भोजन वस्त्र मकान ।
सात यौगिक चक्रों को जागृत करना या होना।
यह योग, प्राणायाम,आसन, ध्यान जप,तप से संभव है।
1. सहश्रार चक्र- चोटी का स्थान के पास
2.आज्ञा चक्र - दोनों भौंहों के बीच।
3. विशुद्धाख्य चक्र - कंठ में।
4.अनाहत चक्र-हृदय में।
5.मणिपुर चक्र - नाभिकेन्द्र में।
6.स्वाधिष्ठान चक्र - नाभि से नीचे।
7. मूलाधार चक्र - गुदा के पास।
Monday, August 12, 2024
शक्तिमान ने बचाया बंगाल के छात्र पर्यटक की जान
बंगाल से लगभग 65 छात्र बस से Jharkhand घूमने आए
छात्र पर्यटक hundru fall में फाल का लुफ्त उठाने के बाद वापस वापस पार्किंग में पहुचने के बाद एक छात्रा बेहोश हो गई
जिसे उनके शिक्षक और छात्रों के साथ नजदीकी महुआ टोला डॉक्टर के पास ले गए
फिर इलाज के कुछ समय बाद छात्रा नॉर्मल हो गई..
लेकिन फिर पता चला कि उनलोगों के ही दूसरे छात्रा भी बेहोश हो गई है
मेरे मेरे वाहन में डीज़ल भी कम था. समझदारी से पर्यटन स्थल तक पहुच गए उसके बाद वाहन में डीज़ल खत्म हो गया
दूसरी ओर ओर एक छात्रा बेहोश पड़ी है और स्थिति गंभीर है
फिर जल्दी से पानी का खाली की 2 बोतल लेकर बाइक से 5 किलोमीटर दूर जाकर डीज़ल लाया
फिर वाहन स्टार्ट किया ओर तेजी से सालीनी हॉस्पिटल अंगारा पहुँचाया
फिर इलाज चला और 1-2 घंटे बाद छात्रा पूरी तरह ठीक हो गई
सभी पर्यटकों ने धन्यवाद दिया
Saturday, April 20, 2024
पर्यटन विभाग झारखण्ड सरकार का मुझ पर गलत आरोप
पर्यटन विभाग झारखण्ड सरकार का मुझ पर गलत आरोप ।। कि मैं असमाजिक तत्व दोस्तों के साथ हुण्डरू फांल में गाली गलोज और हंगामा करता हुं....
Sunday, April 14, 2024
रियल शक्तिमान ने सडक दुर्घटना होने से बाप - बेटे को बचाया।
रियल शक्तिमान ने सडक दुर्घटना होने से बाप - बेटे को बचाया।
दिनांक 05-04-2024 को डोल मेला टाटीसिलवे के दिन गोंदलीपोखर - टाटिसिलवे रोड पर भारत गेस स्टोर के करीब आमने-सामने एक मोटरसाइकिल पर बाप - बेटा बीच सड़क पर गिर गया ।
मैंने तुरंत देखा तो और सड़क पर चल रही वाहनों से अपनी बाईक रोककर सुरक्षा देते हुए उन्हे और उनकी मोटरसाइकिल को रोड के किनारे किया।
वह व्यक्ति बहुत ज्यादा शराब पी रखा था और जबरदस्ती मोटरसाइकिल चलाने की कोशिश कर रहा था। उनका छोटा सा बेटा भी रो रहा था।
ऐसे में रोड पर कोई भी वाहन के चपेट में आ सकते थे।
इन्हें आशाराम महली हेसल नवाटोली जाना था।
मोटरसाइकिल सं - Jh01 T4668 है।
फिर मैंने रोककर रखा और उन्हें घर तक पहुंचाने के लिए जानकारी जुटाना शुरू किया।
मैंने अनगड़ा थाना को भी फोन किया
उन्होने PCR से बात कराया तो उन्होंने मुझे उन्हें अकेले न छोड़ने और उपाय करने को कहा ।
PCR पुलिस ने बताया कि ओ पहले भी 2 बार रोड पर गिर चुके थे।
उन्हें उनके मेहमान को बुलवाकर घर तक जाने का उपाय करते हुए फिर मैं घर आ गया।
Saturday, April 6, 2024
शक्तिमान ने घायल व्यक्ति को भरोसा में लाकर सुरक्षित उनके घर में दाखिल कराया।
दिनांक 03-04-2024 दिन बुधवार -----
शक्तिमान ने घायल व्यक्ति को भरोसा में लाकर सुरक्षित उनके घर में दाखिल कराया।
रात को करीब 9-10 बजे नवागढ़ जंगल में बुटगोड़ा रामाधर के घर आ रहे एक व्यक्ति ने स्कुटी से दुर्घटना हो गया।
स्कुटी रोड किनारे फोरेस्ट विभाग द्वारा किया हुआ गड्डा में गिर गया।
बदरी निवासी जयपाल...और खक्सीटोरा निवासी ऋवण बेदिया का भाई , दोनों ने स्कुटी बाहर निकाला।
तीन व्यक्ति रोड पर खड़े होकर बात कर रहे थे।
घायल व्यक्ति शराब पिया हुआ था।
स्कुटी भी डेमेज हो गया था।
किक स्टार्स लोक हो गया था और सेल्फ स्टार्ट भी नहीं हो रहा था।
घायल व्यक्ति किसी का बात नहीं मान रहा था और कुछ बहस भी हो रहा था।
घायल व्यक्ति ज़िद करके स्कुटी से ही बुटगोड़ा निवासी रामाधर भोगता के घर जाना चाह रहा था।
घायल व्यक्ति को बुटगोड़ा पहुंचा रखने की बात को भी नहीं मान रहा था।
इसी दौरान गोंदलीपोखर से अपने घर आने के क्रम में मैं नवागढ़ जंगल पहुंचा ।
मैंने उन्हें रोड पर खड़ा देखा तो मैं रूक गया ।
फिर उनसे बातों को समझा और घायल व्यक्ति को भरोसा दिलाया।
उसका स्कुटी को श्रवण बेदिया के फारम में रखवाया और उस घायल व्यक्ति को अपने बाईक में बैठाकर बुटगोड़ा पहुंचाया । रामाधर भोगता के घरवालो को उठाया और उसे दाखिल कराया।
Friday, March 8, 2024
दुर्घटना संभावित होने की ,मैंने सिकिदरी थाना प्रभारी को दिया सूचना
आज लगभग आठ बजे रात्रि पुतरिडीह घाटी में आलू लदा हुआ बड़ा एल पी ट्रक दुर्घटना संभावित मोड़ में अटक गया।
क्योंकि इतना बड़ा गाड़ी अचानक छोटी मोड़ में और सामान लोड रहेगा तो दुर्घटना की संभावना और बढ़ जाती है।
इसलिए वह ट्रक अटक गया है ।
थोड़ा सा आगे जाएगा तो घाटी में गिर जाऐगा।
बेक गियर से ट्र्क को पीछे भी नहीं किया जा सकता है क्योंकि वहां अचानक डाऊन है और अचानक मोड़ है।
और गाड़ी के पीछे और एक ट्र्क लगा हुआ है।
वह भी सेम कंडीसन में है और रास्ता के आगे पीछे जाम लगा हुआ है।
इसकी सुचना मैंने सिकिदरी थाना प्रभारी को दिया।
क्योंकि जाम से दुर्घटना की संभावना बढती जा रही है।
Saturday, February 17, 2024
Friday, February 9, 2024
बाईक दुर्घटना में घायल व्यक्ति को जल्दी और शुलभ उनके घर पहंचाने में किया मदद ।
बाईक दुर्घटना में घायल व्यक्ति को जल्दी और शुलभ उनके घर पहंचाने में किया मदद ।
रात को करीब 07 बजे किसान मेला गेतलसूद से अपने घर हुण्डरू फांल आ रहा था।
खभावन के नजदीक नवागड़ जंगल में एक मोटरसाइकिल खड़ी देखा।
फिर थोड़ी दुरी पर एक लड़का एक दुर्घटनाग्रस्त बाईक को जबरदस्ती धकेलकर आगे बढ़ा रहा है।
फिर मैंने रोका और पूछा।
उन्होंने बताया कि कुच्चु निवासी नारायण बेदिया का बाईक दुर्घटना हो गया है।
वह बताया कि वह भी उसे देखकर रूक गया है ।
और जान परिचय व्यक्ति है इसलिए वह अपना बाईक घायल व्यक्ति के पास छोड़कर दुर्घटनाग्रस्त बाईक को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की कोशिश कर रहा था।
वह लड़का भी बहुत परेशान था क्योंकि बाईक टस से मस नहीं हो रही थी।
क्योंकि बाईक का कलच भी टुटा हुआ था।
औल चेन भी टुटकर जाम हो गया था।
इसलिए पीछला चक्का जाम हो गया था।
मैंने भी धकेला तो पुरा चक्का ही स्लीप कर रहा था।
फिर मैंने अगला ब्रैक दबाकर बाईक स्टार्ट करके 1 गियर लगाकर आगे बढ़ाया तो बाईक का जाम कुछ कम हो गया।
फिर जल्दी-जल्दी बाईक को आधा किलोमीटर धकेलकर खभावन गांव में एक घर में रख दिया।
फिर हम दोनो जल्दी जल्दी से घायल व्यक्ति के पास पहुंचे।
घायल व्यक्ति के पास कुछ दुरी में हम दोनो का बाईक खड़ी थी।
मेरा मोटरसाइकिल तब तक स्टार्ट ही था।
क्योंकि रात का समय था।
मेरे साथ जो एक लड़का था वह बदरी गांव का भुकभुकिया टोला का फुलेन्दर मुण्डा था।
घायल व्यक्ति को चेहरे पर चोट लगा था।
मैंने उनसे ,घायल व्यक्ति को
जल्दी और सुरक्षित उनको उनके घर पहुंचाने को कहा
क्योंकि दोनों का गांव -टोला एक ही एक ही रास्ते पर है।
।। धन्यवाद दोस्तों ।।
Thursday, February 8, 2024
एक पर्यटक का खोया बाईक चाभी को वापस सौंपा।
हुण्डरू फांल का लुफ्त उठाने आये कपल पर्यटक का बाईक का चाभी खो गया ।
हुण्डरू फांल का लुफ्त उठाने के बाद कपल पर्यटक जब घर के लिए वापस आने लगे तो उनको उनके पास बाईक का चाभी नहीं मिला।
वह थके परेशान होकर बाईक का चाभी वापस सीढियों से फांल उतर गये।
लेकिन बाईक का चाभी नही मिला।
फिर मैंने कई लोगों से बाईक का चाभी मांगकर जमा किया। लेकिन मेरे बाईक के चाभी से हेंडल लोक खुल गया । लेकिन बाईक आंन नहीं हुआ।
फिर मैंने और लोगों से बाईक का चाभी का पता लगाया तो बाईक का चाभी मिल गया।
बाईक का चाभी टिकट काउंटर में ही छुटा हुआ था।
फिर उनसे चाभी लेकर उन्हें दिया।
उन्होंने उनको खुशी से 100 रूपया दिया।
एक महिला का खोया बाईक चाभी को वापस सौंपा।
एक महिला का खोया बाईक चाभी को वापस सौंपा।
दिनांक 08/02/2024 दिन बृहस्पतिवार को एलबम सुट करने के बाद खभावन बाजार गया।
सुरज स्टुडियो के पास बाईक की चाभी ढुंढती एक महिला आई ।
वह परेशान थी क्योंकि उसके हाथो से बाईक का चाभी खो गया था।
फिर मैंने उनको उनका खोया हुआ बाईक का चाभी ढुढकर सोंपा।
Thursday, January 18, 2024
हुण्डरू फांल में SHOPPING QUOSK और FOOD QUOSK के डाक का किया गया विरोध और निरस्त करने की मांग।
हुण्डरू फांल में SHOPPING QUOSK और FOOD QUOSK के डाक का किया गया विरोध।
हुण्डरू फांल में बिना ग्राम सभा के अनुमति से बने
SHOPPING QUOSK और FOOD QUOSK का प्रखण्ड कार्यालय से डाक करने की नोटिस पर हुण्डरू ग्राम सभा से विरोध किया गया और प्रस्ताव पारित किया गया।
साथ मे आवेदन लेकर प्रखण्ड कार्यालय अनगड़ा भी पहुंचा गया।
।।।।।गुणाह।।।।।
१. शासन और प्रशासन का गुणाह है कि बिना ग्राम सभा का SHOPPING QUOSK और FOOD QUOSK
का निर्माण करना।
२. अवैध भूमि पर निर्माण करना।
३. SHOPPING QUOSK और FOOD QUOSK
का वितरण ग्राम सभा के द्वारा करना चाहिए था।
पहले मुखिया और प्रधान को को इसकी वितरण की सूचना जारी करना चाहिए था।
लेकिन इसे अनदेखा कर और ग्रामीण की और स्थानीय निवासी और ग्राम सभा की बात न मानकर प्रखण्ड अधिकारी पेशा एक्ट 1996 का उलंघन कर दिया है।
जिसे अब इस संबंध में कई विभागों को RTI का जवाब देना पड़ेगा।
Sunday, January 14, 2024
शक्तिमान ने कैसे ढुंढा गुम हुआ मोबाइल ।।
दिन रविवार शाम को एक लड़के के साथ गोला market गये।
ठंडा का मौसम भी है।
उबड़- खाबड़, घुमावदार और रास्ता सुनसान, डरावना भुत - पीचास ,लुट चोरी ,कांड वाला रास्ता जिससे रात को गुजरने का कोई शायद ही चलने और गुजरने का हिम्मत करता है। इसी जगह पर बिजली उत्पादन का बांध भी है।
यहां हाथी का भी प्रकोप रहता है।
इसलिए रात को यहां से गुजरने का साहस शायद ही कोई करता है।
हमें गोला मार्केट से कुछ जरूरी सामान लेकर जल्दी वापस आना था।
लेकिन उस लड़के ने अपना बाल कटवाने चला गया ।
फोन करने पर भी नही उठा रहा था ।
इसमें १- २ घंटा लगा दिया ।
इतना देर मैं इंतजार करता रहा।
फिर वह आ गया और हम घर के लिए निकले।
फिर उसी सुनसान रास्ते से होकर घर पहुंचे।
हुण्डरू फांल पहुंचे।
बिना वजह टाईम बर्बाद करा दिया।
फिर उस लड़के को पता चला कि उसका मोबाइल रास्ते में कहीं गिर गया है।
मैने उस नम्बर पर कोल किया तो मोबाइल बार बार रिंग हो रहा था।
इसलिए पता चला कि मोबाइल कहीं सुनसान रास्ता में ही गिर गया है।
फिर मैने उनसे मोबाइल को track करने के लिए email id और password पुछा तो उसको यह भी पता नहीं था।
ठंडा और उस पर गुस्सा भी रहा था।
फिर तुम मोबाईल ढुंढने चाहते हो तो जाव।
मोबाइल से रिंग करते रहना । मोबाइल रास्ता के बाहर भी गिरा होगा तो मिल जाएगा।
उसके पास और तो मोबाइल था नही जिससे रिंग करता ।
इसलिए मैंने उसके बड़ा भाई को कांल किया इस बारे में बताया।
फिर उनसे आप दोनों भाई मोबाइल ढुंढना चाहते हो तो मेरा बाईक लेके जाओ।
लेकिन वह अपने पिताजी से पुछकर बताया कि मोबाइल नहीं ढुंढेंगे । उसके भाई को घर तक छोड़ने को कहा।
किसी का मोबाइल खो जाने से कैसा लगता है हर कोई जानता है।
फिर उसका भाई। बार बार फोन ढुंढने के लिए रिक्वेस्ट करने लगा।
मैने उनसे कहा तुम बाईक चलाओ मैं मोबाइल को बार बार रिंग करूंगा और रास्ते में देखते हुए जाएंगे तो फोन मिल जाएगा।
लेकिन कुछ दुर जाकर मेरा मोबाइल बंद हो गया।
फिर मैंने उनकै कहा अब बाईक रोको मैं चलाऊंगा।
तुम फोन को नहीं खोज पाओगे।
क्योंकि वह रास्ते पर रास्ते को स्कैन नहीं कर पाता।
और मोबाइल को नहीं ढुंढ पाता ।
लेकिन वह बाईक चलाता रहा और पुरा रास्ता ही खतम हो गया।
लेकिन फोन नहीं मिला।
फिर मैंने उनसे उनके कोई मेहमान घर से मोबाइल मंगवाया और बार बार कोल करते रहने के लिए कहा और बाईक मैंने चलाने लगा ।
फिर उनसे कहा तुम बार बार मोबाइल को रिंग करते रहो।
लेकिन बार बार कोल कर रहा था लेकिन जल्दी जल्दी कांल नही कर रहा था।
जिससे फोन का मिलने की संभावना कम हो जाती थी।
लेकिन मैंने रास्ते को डिप स्कैनिंग करते हुए बाइक चला रहा था।
जिससे मोबाइल मिल गया।
Friday, November 10, 2023
रियल शक्तिमान ने घायल छात्र का मोबाइल ढुंढने में किया मदद।।
अनगड़ा , हाहे में स्कुटी - बाईक दुर्घटना में उषा मार्टिन यूनिवर्सिटी के घायल छात्र का मोबाइल खो गया था।
छात्र के दोस्त ने मुझे मोबाइल ढुंढने के लिए बार-बार रिक्वेस्ट किया और वह परेशान था।
वह उस मोबाइल पर काल कर रहा था मोबाइल रिंग भी हो रहा था।
लेकिन कोई जवाब नहीं आ रहा था।
मैं सी एच सी गोंदलीपोखर ही उनके दोस्त से वह मोबाइल नम्बर मांगा और बार - बार रिंग किया फिर घायल छात्र के दोस्त को उनके दुसरे दोस्त को काल करके घटनास्थल पर जाकर मोबाइल ढुंढने को कहा और मोबाइल मिल गया।
।। धन्यवाद।।
(अनगड़ा). रियल शक्तिमान ने किया घायलों को मदद।
(अनगड़ा). रियल शक्तिमान ने किया घायलों को मदद।
दो स्कूटी - मोटरसाइकिल टक्कर में घायलों लोंगो को किया मदद।
मैं खेलगांव में लोकनृत्य क्लास के बाद अपने घर हुण्डरू फांल आ रहा था। जैसे ही अनगड़ा के हाहे रोड के पास पहुंचा अचानक देखा कि स्कुटी - मोटरसाइकिल में टक्कर हुई है और रोड पर घायल लोग बिखरे पड़े हैं। मैं वहां रूका और देखते ही देखते भीड़ होनी शुरू हो गई।
यह दुर्घटना लगभग 1 मिनट भी नहीं हुआ था।
मैंने घायलों को देखा और 108 में एंबुलेंस के लिए कांल किया तो अनगड़ा और आसपास में एंबुलेंस उपलब्ध नहीं था। 108 में कहा कि सदर से एंबुलेंस जाएगी क्या आप इंतजार करना चाहेंगे।
एंबुलेंस आने में ज्यादा देर हो जाती इसलिए मना कर दिया।
फिर आंटो में सवार करके सी एच सी अनगड़ा पहुंचाया।
फिर प्राथमिक उपचार होने लगा ।
दुर्घटना में घायल उसा मार्टिन यूनिवर्सिटी, अनगड़ा के दो विद्यार्थी भी घायल थे।
जिसमें से एक विद्यार्थी का एक विद्यार्थी को सर पर ज्यादा चोट लगी थी और ज्यादा खुन बहा था।
और एक का आंख में चोट लगी है। वह शराब के नसा भी लग रहा था। विद्यार्थियों के मुताबिक गलती इन्हीं की थी। वह बोल भी नही रहा था।
लेकिन कोई इसे हेंसल का बता रहा था।
सी एच सी अनगड़ा में प्राथमिक उपचार हो ही रहा था गस दौरान मैंने 3 बार 108 में कांल करके एंबुलेंस बुलाना चाहा।
लेकिन कई बार उनके दोस्त भी देर होने की आसंका में मना करने को कहा।
फिर फिर दुसरा गाड़ी से स्वर्णरेखा अस्पताल में उपलब्ध एंबुलेंस से रांची ओर्किड अस्पताल के लिए रवाना किया।
इसमें उनके सभी दोस्तों में उदासी छाई थी और यूनिवर्सिटी के प्रिंसिपल को कांल कर सुचना दिया गया।
फिर मैं घर चला आया।
Sunday, November 5, 2023
रियल शक्तिमान ने बचाया महिला पर्यटक की जान।।
रियल शक्तिमान ने बचाया महिला पर्यटक की जान।।
क्या है घटना -
हुण्डरू फांल में मैं फोटोग्राफी कर रहा था। घर से फोन आया था की मेरी मां तैयार थी , मुझे अपनी मां को सिकिदिरी ढेलवाखुटा दसकर्म के लिए मौरखी घर पहुंचाने जाना था। मैं फांल से निकलने ही वाला था लेकिन एक पर्यटक को एक एक तस्वीर देना था इसलिए कुछ क्षण रूक गया था।
तभी पर्यटकों की आवाज़ आने लगी। हर कोई डुबती बहती महिला को अपनी अपनी जगह पर खड़े होकर देख रहा था।
फिर मैंने पत्थरों और चट्टानों पर उछलते ,कुदते छलांग लगाते उस महिला के पास पहुंचा।
पर्यटकों ने पत्थरों के बीच डेगते और छलांग लगाते पैरों की सटिकता को देखकर रोमांचित भी हुएं और हौसला भी बढ़ाया।
महिला पानी की धार में बहती हुई पानी के ही बीच में एक छोटी सी नुकीली सी पत्थर पर पेट के सहारे अर्थात तीनके के सहारे अटक गयी थी और मदद की राह देख रही थी और बहुत घबराई हुई थी।
कैसे बची जान -
मैंने उस महिला को अपना टी-सर्ट उतारकर पकड़ाया और किनारे लाना चाहा तो महिला पर्यटक बोली, मैं डुब जाऊंगी।
फिर मैंने कपड़ा और जुता पहने हुए ही पानी में चला गया और उस महिला को अपनी सहारा देकर नदी के किनारे-किनारे से ले जाकर उसे उनके परिजन को सौंप दिया।
सभी महिला के परिजन ने बहुत - बहुत बार धन्यवाद कहा।
वहां देख रहे बहुत से पर्यटकों ने फोटो - विडियो भी बनाया।
इन सभी चीजों को देख रही एक महिला पर्यटक ने कही कि तुम वही हो न जो हमलोग का फोटो खिंचे हो। मैने कहा हा मैं वहां हुं।
यह महिला और और उनके सभी साथी कांके सायद IIAM में प्रशिक्षण के लिए आई हुई हैं। लेकिन आज हुण्डरू फांल घुमने आई थी। उनृही को मैं फोटो देना था इसलिए घटना सेज्ञपहले थोड़ा इंतजार किया था।
डुबती - बहती महिला के बुजुर्ग परिजन ने ने मुझे अपने पास बुराकर मुझे 100/- दिया इससे कुछ खा लेना तो मैंने मना नहीं कर पाया और खुशी से स्वीकार किया।।
फिर मैंने तेजी से भागा घर और अपनी मां को दसकर्म के लिए सिकिदिरी ढेलवाखुटा पहुंचाया।
लेकिन उनके परिजन से मैंने कोई जानकारी नहीं ली।
।। धन्यवाद दोस्तों।।
Friday, September 8, 2023
घायल भुनेश्वर बेदिया को RIMS Hospital Ranchi पहुंचाया।
06.09.2023 दिन बुधवार की रात को हुण्डरू फांल निवासी भुनेश्वर बेदिया बाईक से बुटगोड़ा गाव के समीप दुर्घटना हो गई। वह खभावन से घर आ रहा था।
बाईक क्षतिग्रस्त हो गयी और भुनेश्वर बेदिया लहुलुहान हालत गंभीर व घायल हो गया।
रोड किनारे घायल पाया।
फिर इसकी सुचना मुझे मिला ।
फिर मैं गाड़ी लेकर घटना स्थल पहुंचा और उसे लेकर RIMS Hospital Ranchi पहुंचा।
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