Sunday, August 27, 2023

हुण्डरू ग्राम सभा के लिए सुचना उपलब्ध कराया गया

24.08.2023
हुण्डरू जलप्रपात पर्यटन सुरक्षा समिति
(व्हाट्सएप ग्रुप)
 जन जागरूकता अभियान
.................................... 
सूचित किया जाता है कि  दिनांक 26.08.2023 दिन ... शनिवार.. को सुबह 9:00 बजे ग्राम हुण्डरू के मंडा घर के प्रांगण में एक आवश्यक बैठक रखी 
ख है ।
और यह हुण्डरू ग्राम प्रधान के अनुसार ग्राम सभा की बैठक होगी।
इस बैठक में गांव के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा और समाधान करने के लिए महत्वपूर्ण विषयों दिक्कतों को रजिस्टर में लिखा जाएगा। फिर एक-एक विषयों पर दिक्कतों को समाधान हेतु कार्य किया जाएगा।

ग्राम सभा में बैठक अनिवार्य है इसमें सभी लोगों को समस्याओं को लिखा जाएगा।
जैसे - 
# हुण्डरू फांल का ग्राम सभा से संचालन ।
# भविष्य में पर्यटन कर्मी का नियुक्ति ग्राम सभा से।
# हुण्डरू फांल में shopping kiosk की आवंटन पर चर्चा करना।
# वन अधिकार कानुन की जागरूकता।
# पेशा कानुन की जागरूकता।
# ग्राम सभा के अनुमति के बिना चल रहे कंपनी को ग्रामसभा के अधीन लाने पर जागरूकता |
# सरकार की योजनाओं पर चर्चा।
गांव के सभी ग्रामीण एवं युवाओं की उपस्थिति अनिवार्य है
क्योंकि बाद में कोई भी परेशानी को इधर - उधर एक दुसरे को बोलने से कोई फायदा नहीं होगा।

इसी तरह से रोज दिन परेशानियों को एक - दुसरे को बताते  बताते पीढ़ी बीत जायेगा। फिर अगुवाई करने वाला कोई नहीं होगा। फिर कहिएगा l

अगुवाई करने वाला अपने गांव का नहीं है बल्कि बाहरी है और गांव के लोगों के अधिकार का हनन हो रहा है।

                        अतः ग्रामीण एवं युवाओं से आग्रह किया जाता है कि आप सभी  का बैठक में उपस्थित अनिवार्य है और उपस्थित होने की कष्ट करेंगे।

                                 युवा समाज सेवी एवं   वन
                           रक्षा समिति , हुण्डरू ( उपाध्यक्ष)
                                         सोनु बेदिया

संसार का सबसे बड़ा पाप है किसी बेबस,लाचार, असहाय, गरीब निर्बल व्यक्ति को सताना।






संसार का सबसे बड़ा पाप क्या है?

किसी व्यक्ति द्वारा हज़ारों-लाखों लोगों को मारने से भी ज्यादा सबसे बड़ा पाप है किसी बेबस,लाचार, असहाय, गरीब निर्बल व्यक्ति को सताना।
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जब ऐसी पाप किसी गांव में और उस गांव के घर परिवारों में गुजर रहा हो। दसकों से किसी गांव के परिवारों पर शोषण और अत्याचार हो रहा हो और सरकार की नजर और पहुंच उस गांव में ना हो।

ऐसी परिस्थिति में गांव में ईश्वर का अवतार लेना आवश्यक हो जाता है। जो बदल देता है गांव और क्षेत्र की तस्वीर।
इसमें साथ देना चाहिए सरकार और प्रशासन को परंतु सरकार और प्रशासन ही ऐसी शोषण और अत्याचार संलिप्त हो जाए।

ऐसी परिस्थिति आ जाने पर उस अवतार के लिए आवश्यक हो जाता है सरकार और प्रशासन को सबक सिखाना।
ना कि उनका गलती या गुनाह बताना क्योंकि वह अपनी गलती और गुनाह को जानबूझकर दोहराते हैं चाहे रिश्वत लेकर हो या राजनीति या कुटनिती।

ऐसे में उस गांव में और उस गांव के लोगों पर जैसा शोषण और अत्याचार हुआ उसे कर देता है पूरी दुनिया में लागू।
जिससे देश और दुनिया में आ जाती है प्रलय।

जिससे सरकार और प्रशासन सबक सीखने के लिए हो जाता है मजबूर और समय के साथ परिवर्तन के लिए हो जाता है मंजूर।

दुनिया जानने के लिए हो जाएगी मजबूर कि उस गांव में ,उस गांव के घर-परिवारों में ऐसा क्या और कैसे हुआ अत्याचार और शोषण।
दुनिया में प्रलय आने के लिए क्यों हुआ मजबूर।

मनुष्य ऐसा प्राणी है जिसके मस्तिष्क को समझना कठिन है।
जो इंसान मनुष्य के चारों श्रेणियों के ज्ञानी हो जिससे एक सामान्य इंसान उस व्यक्ति को समझने में असमर्थ हो तो ऐसे लोग उस इंसान को पागल ही समझते हैं या समझते रहेंगे परंतु मनुष्य सब प्राणी है जिसकी मस्तिष्क को समझना कठिन होता है परंतु वह इंसान ज्ञानी भी हो सकता है परम ज्ञानी भी हो सकता है और कोई अवतार भी हो सकता है।

रघुकुल रीत सदा चली आई ।।
प्राण जाए तो जाए वचन जाने न पाए।

मेहनत इतनी खामोशी से करो कि सफलता सोर मचा दें।

Backup mode किसी भी अवतार के पास दैविक शक्ति बैकअप के रूप में अवश्य होता है।

कोई अवतार अपने जीवन में कैसी लीला रचता है।
कैसे कर्म करते हैं। यह उस पर निर्भर करता है।

प्रारबध अवतारी पुरुष को उसका कर्तव्य पुरा करने में सहयोग करता है।

सत्ता मानवता का उद्धार के लिए होती है परंतु कलयुग में ऐसा नहीं हो रहा है।

कहावत है अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।
यह कहावत सिर्फ और सिर्फ एक सामान्य इंसान पर लागू होती है किसी अवतारी पुरूष पर नहीं।

शिक्षा उसे नहीं कहते जो सिर्फ किताब के पन्नों में मिलती है। शिक्षा तो अपने आप में अथाह सागर है, जिसे सीमाओं में बांध पाना मुमकिन नहीं है, जो ज्ञान एवं विद्या हमारे अंदर हैं उसे प्रकट करने के लिए हमसे बड़ा कोई स्कूल नहीं है। मनुष्य को जीवन में हमेशा करनी अज्ञानता दुर करने की कोशिश करना चाहिए। क्योंकि सिखना बंद तो जीतना बंद।

धन्यवाद दोस्तों।





जीवन की अनमोल वचन संग्रह। Thoughts,quotes,

 

जीवन की अनमोल वचन संग्रह।


दोस्तों जीवन में अनमोल वचनों का महत्वपूर्ण भूमिका होती है यह अनमोल वचन जीवन को सरल बनाती है जीवन को शांतिपूर्ण बनाती है और मानवता में प्रेम को बढ़ाती है।


01.जीवन की अनमोल वचन संग्रह।

02.जीवन की अनमोल वचन संग्रह।

03.जीवन की अनमोल वचन संग्रह।

04.जीवन की अनमोल वचन संग्रह।
05.जीवन की अनमोल वचन संग्रह।

06.जीवन की अनमोल वचन संग्रह।

07.जीवन की अनमोल वचन संग्रह।

08.जीवन की अनमोल वचन संग्रह।
09. जीवन की अनमोल वचन संग्रह।

10. जीवन की अनमोल वचन संग्रह।

मनुष्य के लिए सभी दु:ख़ो और बिमारियों से छुटकारा पाना हुआ आसान। स्वास्थ्य ( Health is wealth)


 मनुष्य के लिए सभी दु:ख़ो और बिमारियों से छुटकारा पाना हुआ आसान।


मनुष्य अपना भाग्य विधाता स्वयं है।
अज्ञानता ही दु:ख का कारण होता है।

 दुनिया में धरती पर इंसानों में दु:ख जो आता है वह तीन प्रकार से आता है।
 दु:ख तीन प्रकार का होता है- दैहिक दुख,दैविक दुख और भौतिक दुख।
(1) दैहिक दु:ख।
( 2) दैविक दु:ख।
( 2) भौतिक दु:ख।




(1) दैहिक दु:ख किसे कहते हैं?
 दुनिया में दैहिक दु:ख (5%) है।
- ईश्वर ने जो दु:ख देकर धरती पर भेजा है अर्थात जो इंसान जन्म से ही दु:ख देकर धरती पर आता है, उसे दैहिक दु:ख कहते हैं। जैसे - विकलांगता, अपंग, लंगड़ा,रुला,अंधा ,काना, होना इत्यादि।

(2) दैविक दु:ख किसे कहते हैं?
 दुनिया में दैविक दु:ख (5%) है।
धरती पर जन्म लेने के बाद जो दु:ख आया ,उसे दैविक दु:ख कहते हैं। जैसे - याद्दाश्त घर ला जाना, ब्रेन हेमरेज हो जाना, पैरालाइसिस होना, दुर्घटना हो जाना और किसी दुर्घटना के बाद विकलांगता, अपंग, लंगड़ा,रुला,अंधा ,काना, होना इत्यादि।

(3) भौतिक दु:ख किसे कहते हैं?
दुनिया में धरती पर ( 90%) इंसानों के पास भौतिक दु:ख  है। इंसानों के भौतिक सुख सुविधाओं को पाने के लिए, और जल्दी-जल्दी बढ़ाने के चक्कर में यह दु:ख खुद ही पाल लेता है।
भौतिक दु:ख जो होता है यह अनेक प्रकार के बिमारियों से होता है।

बिमारी जो होती है,वह तीन प्रकार से होती है - (1) वात (2) पीत  और  (3) कफ।

विवरण -
(1) वात की बिमारी इस प्रकार से होती है -
जो व्यक्ति खाना खाते समय, भोजन ग्रहण करते समय बात कर-कर के खाना खाता हो,उसे वात की बिमारी होती है।

वात रोग का मुल कारण जिसमें आहार, आनुवंशिक गड़बड़ी,यूरिक एसिड के लवणों काम उत्सर्जन होना आदि।
- इसलिए जब भी खाना खाएं । खाना चबा-चबाकर खाना चाहिए। जिससे खाना अर्थात भोजन पेट में जाने के बाद,खाना को पचाने के लिए जठर अग्नि के जलने से भोजन आसानी से पच सके और लवण बन सके।
लार+लवण = एसिड
एसिड खाना को पचाता है।
जिससे पेट में गैस नहीं बन पाता है और वात की बिमारी दुर होती है।

लक्षण -
 याद्दाश्त चला जाना।
दिमाग का चक्कर आना।
पैरालाइसिस हो जाना।
कोई अंग काम नहीं करना।
अंग शुना हो जाना।
अंग में दर्द होना ।
सरदर्द होना ।
इत्यादि।





(2) पीत की बिमारी इस प्रकार से होती है-
- इंसान के सोते, बैठते, खाते,पीते,नहाते,आते,जाते,चलते घूमते, फिरते हर एक क्षण प्रतिदिन 24 घंटा इंसान के शरीर में पीत बनता रहता है इसका काम है हमेशा बनना और यह पीत कंट्रोल होता है नियंत्रण होता है मुंह के लार से।


इसलिए हमें मुंह के लार को जिसे हम लोग थूक देते हैं उसे थूकना नहीं चाहिए बल्कि उसे अपने अंदर ले जाना चाहिए उसे पी जाना चाहिए उसे पेट में भेज देना चाहिए।

पानी भी मुर्गीयों की तरह घुट-घुटकर पीना चाहिए।
जिससे  मुंह का लार भी पानी के साथ पेट में चला जाए।

आप सभी जानते होंगे कि जब मुंह का लार जाएगा पेट में तो वह पीत में मिल जाएगा। जब पीत और लार दोनों मिलेगा तो लवण बनता है।
 पीत + लार = लवण।
लवन से एसिड बनेगा।
एसिड खाना को पचाता है।
इससे रस तैयार होता है,लत्थी-लत्थी तैयार होता है।
वही रस्सा ( maza ) खुश बनता है और वही खुश इंसान के पुरे शरीर में फैलता है,उसी आधार में इंसान का शरीर बनता है और मनुष्य का शरीर स्वस्थ रहता है।

लेकिन जब मुंह का लार पेट में नहीं जाएगा तो क्या होगा।
जब मुंह का लार पेट में रेगुलर लगातार नहीं जाएगा तो पीत बड़ा हो जाएगा और लार कम होने के कारण ,पीत की बिमारी हो जाएगी।

पीत का लक्षण (1) बा-बार तबीयत खराब हो जाना ।
(2) बार-बार मलेरिया हो जाना। (3) बार-बार ज्वर,बुखार,खांसी मलेरिया,दस्त, खुजली हो जाना।

यह सब बिमारी पीत का है।
यह बिमारी महिलाओं को ज्यादा होती है क्योंकि यह लोग कम पानी पीती हैं। महिलाओं को पथरी ज्यादा होती है क्योंकि ये लोग पेशाब को रोक कर छत रखती हैं।

पेशाब को जब रोक कर रखती हैं तो पेशाब में गंदे कण जम जाती है। इसलिए महिलाओं को ज्यादा वर्दी,खांसी होती है।

यह पीत तब कंट्रोल होगा जब इंसान पानी घुट-घुटकर पीयेगा मुंह का लार पानी के साथ मिलकर  जाएगा पेट में और पीत में मिल जाएगा।


पीत दोष 'अग्नि' और 'जल' इन दो तत्वों से मिलकर बना है। यह हमारे शरीर में बनने वाले हार्मोन और एंजाइम को नियंत्रित करता है। शरीर की गर्मी जैसे कि शरीर का तापमान ,पाचक अग्नि जैसी चीजें पीत द्वारा ही नियंत्रित होती है। पीत का संतुलित अवस्था में होना अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी है। शरीर में पेट और और छोटी आंत में पीत प्रमुखता से पाया जाता है। ऐसे लोग पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे कि कब्ज,अपने, एसिडिटी आदि से पीड़ित रहते हैं।पीत दोष के असंतुलित होते ही पाचक अग्नि (जठर अग्नि) कमजोर पड़ने लगती है। साथ ही हृदय और फेफड़ों में कफ इक्ट्ठा होने लगता है।

पीत का संतुलित अवस्था में होना इंसान के सेहत के लिए बहुत जरूरी है।

पीत का बनना न कम होना चाहिए न ज्यादा।


(3) कफ की बिमारी इस प्रकार से होती है-
- गले में बलगम को कफ के नाम से भी जाना जाता है। जब हमारे गले या नाक के पीछले हिस्से में बलगम जमा हो जाता है,तो इससे बहुत असुविधाजनक महसूस होता है।म्यूकस मेम्ब्रेन (mucus membrain) श्वसन प्रणाली की रक्षा करने और उसको सहारा देने के लिए कफ बनाती है। ये मेम्ब्रेन निम्न अंगों में होती है। मुंह,नाक,गला,साइनस, फेफड़े।

गले की नाक की ग्रंथी 1 दिन में कम से कम 1 से 2 लीटर बलगम का उत्पादन करती है। बलगम या कफ की अधिक मात्रा में होना परेशान करने वाली समस्या हो सकती है। 

इसके कारण घंटों बेचैनी रहना बार बार गला साफ करते रहना और खांसी जैसी बीमारी हो सकती है। ज्यादातर लोगों में यह एक अस्थाई समस्या होती है।

 हालांकि कुछ लोगों के लिए यह एक स्थिर समस्या बन जाती है।
 धूल और प्रदूषण की रोकथाम करके कफ के निर्माण में कमी की जा सकती और इसके लक्षणों को कम करने के लिए दवाएं भी उपलब्ध हैं।




पृथ्वी के महान आयुर्वेद दाता बागवट ने कहा है - भोजन अन्ते विषमभारि:।
अर्थात भोजन के अन्त में पानी पीना विष के समान है।

जब हम खाना खाते हैं या कुछ भी चीज खाते हैं तो वह पेट में चला जाता है यह तो हर इंसान जानता है। लेकिन इसके बाद क्या होता है इसके बारे में आप पूरी तरह से नहीं जानते होंगे। 

हमारे पेट में भोजन जाने के बाद हमारे शरीर में आग जलना शुरू हो जाती है। जिसे हम जठरअग्नि  कहते हैं।
यह 1घंटा 20 मीनट तक जलता है। वहीं जानवरों के पेट में 4 घंटे तक जलता है। 

 इससे हमारे शरीर में खाना को पचाता है।
इससे रस तैयार होता है,लत्थी-लत्थी तैयार होता है।
वही रस्सा ( maza ) खुश बनता है और वही खुश इंसान के पुरे शरीर में फैलता है,उसी आधार में इंसान का शरीर बनता है और मनुष्य का शरीर स्वस्थ रहता है।

तो इसी बीच जब हम पानी पीते हैं तो यह जठरअग्नि जलने के बजाय भुत जाती है। और इससे खाना पचने के बजाय सड़ जाती है और पेट में गैस बन जाती है। यह खून के साथ मिलकर हमारे पुरे शरीर में दौड़ती है और खुश को गंदा करती है।
यह गैस कैसा होता है। यह गैस ऐसा होता है,जब लोग पालते हैं और बदबू देती है।

हमारे शरीर में पेट में गैस बनने से ही हमारे शरीर में 200 से अधिक बिमारियों की शुरुआत हो जाती है।

इसलिए हमें खाना खाते समय भोजन ग्रहण करते समय पानी नहीं पीना चाहिए।

यदि हम भोजन को चबा-चबाकर खाएं तो पानी पीने की आवश्यकता नहीं होगी।

यदि ज्यादा प्यास लगे तो हल्का गर्म पानी पीयें।

भोजन करने से आधा से एक एक घंटा पहले या बाद में पानी पीयें।


ग्राम सभा हुण्डरू की बैठक हुई।

DATE 26.08.2023
नमस्कार दोस्तों.....
आज हमारे गांव में ग्राम सभा में अधिक से अधिक नव युवकों ने भाग लिया और भविष्य में सकारात्मक के साथ हम सभी ने गाव की सामाजिक और आर्थिक समस्याओं व सरकारी योजनाओं पर चर्चा किया....
लगभग 20 बिन्दुओं पर चर्चा की गई।
आगे सकारात्मकता के साथ अपने अधिकार को पाने और ग्राम सभा को और भी मजबुत बनाने पर सहमति बनाई गई।
|| धन्यवाद दोस्तों ||

Wednesday, August 23, 2023

दुनिया में सबसे पहले सोनु कुमार उर्फ रियल शक्तिमान को जानने के संबंध में।

आदरणीय राष्ट्रपति महोदया,
                                 श्रीमति द्रोपदी मुर्मू जी
                                       न्यू दिल्ली,भारत ।
विषय - दुनिया में सबसे पहले सोनु कुमार उर्फ रियल शक्तिमान को जानने के संबंध में।
 महाशया,
               सविनय निवेदन यह है कि मैं सोनु बेदिया,पिता - स्वर्गीय बलराम बेदिया,ग्राम + डा० - हुण्डरू फांल, पंचायत - कुच्चू, प्रखंड - अनगड़ा - जिला - रांची , झारखण्ड का आदिवासी निवासी हूं।

दुनिया में सबसे पहले रियल शक्तिमान को जानने और पहचानने वाला इंसान सिर्फ एक है वह है बैंक आंफ इंडिया की पुर्व कृषि अधिकारी श्रीमति अनुराधा भारती जी।
मेरे भविष्य में क्या होगा या हो सकता है इसकी जानकारी इन्हें पहले से ही थी। 
यह एक शौभाग्य की बात है दोस्तों।
और ऐसा शौभाग्य दुनिया में शायद ही किसी को मिलता है।
हमारे और से श्रीमति अनुराधा भारती जी को शुभकामनाएं देता हुं।
और मैं दुनिया के लोंगो को विश्वास दिलिता हुं कि जिन्हें मुझ पर विश्वास न हो और आवश्यकता पड़ने पर न्यायालय के समक्ष हमारे बीच के टेली क्मयुकेशन डाटा को दुनिया के सामने पार्दशित कर सकता हूं।

अब मैं जो बताने जा रहा हुं ....यह आपके जिज्ञासाओं को दुर कर सकता है .....
हर एक इंसान स्वंय ही शक्तिमान है... सर्वशक्तिमान का अंश है।
इन सभी जिज्ञासाओं को दुर करने की हमारी पुरी कोशिश रहेगी दोस्तों....और उनके आत्मज्ञान से परिचय कराने की कोशिश रहेगी दोस्तों।
हम उन सभी वेद- पुराणों, रामायण , महाभारत, श्रीमद्भागवत पुराण का आभार व्यक्त करता हूं।
जिनके आत्मज्ञान ने हमें स्वयं के अस्तित्व को जानने और पहचानने में अपना योगदान दिया।

चुंकी कुछ सालों से हमें संयम व धैर्य बनाये रखने की आवश्यकता पड़ गई थी दोस्तों।।

चूंकि हमारी अत्यधिक आवश्यकता पड़ने के कारण हमें अपनी गति को तेज करने की आवश्यकता पड़ गई है ।
सुरज कुछ समय के लिए ढकता जरूर है दोस्तों परन्तु दुनिया को अपना प्रकाश देकर अपना कर्तव्य जरूर पूरा करता है ।

इसलिए हम दुनिया के लोगों को उनके  जीवन की जिज्ञासाओं को दुर करने की हमारी पुरी कोशिश रहेगी ।

               अतः श्रीमति से नम्र निवेदन है कि इस पत्र को अपनी जानकारी में लेने और इस जानकारी को संयोग कर रखने  की कृपा करें। इस कार्य के लिए मैं आपका सदा आभारी बना रहूंगा।
                                                आपका विश्वासी
                                    सोनु कुमार उर्फ रियल शक्तिमान
                                    मो० - 9304975230
                   ई० मेल ० -sonubediya8@gmail.com
                    आधार सं० - 692079927786

Thursday, July 13, 2023

CERTIFICATE OF COMMITMENT

हुण्डरू फांल में बंद पड़े प्याऊ को चालु करने की मांग

कुच्चु पंचायत की मुखिया का निर्वाचन रद्द करने की मांग

Lettar from President of India

गणतंत्र दिवस के सुभ अवसर पर झारखण्ड प्रदेश समेत तमाम नागरिकों को हार्दिक शुभकामनाएं

हुण्डरू जलप्रपात में निशुल्क पेयजल की व्यवस्था

CERTIFICATE OF COMMITMENT

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

गणतंत्र दिवस के सुभ अवसर पर झारखण्ड प्रदेश समेत तमाम नागरिकों को हार्दिक शुभकामनाएं

ईमानदारी की मिसाल बना सोनु बेदिया

पर्यटकों को निशुल्क पानी पिला रहे सोनु

सोनु बेदिया सम्मानित

मोक्ष वेद

1. शुद्र   शक्तिमान के साथ आदर्शो के विपरीत होना। 1. झूठ नहीं बोलना। 2. चोरी नहीं करना। 3. हिंसा नहीं करना। 4. अपने से बड़े और ब...