Friday, February 9, 2024

बाईक दुर्घटना में घायल व्यक्ति को जल्दी और शुलभ उनके घर पहंचाने में किया मदद ।

बाईक दुर्घटना में घायल व्यक्ति को जल्दी और शुलभ उनके घर पहंचाने में किया मदद ।

रात को करीब 07 बजे किसान मेला गेतलसूद से अपने  घर हुण्डरू फांल आ रहा था।
खभावन के नजदीक नवागड़ जंगल में एक मोटरसाइकिल खड़ी देखा।
फिर थोड़ी दुरी पर एक लड़का एक दुर्घटनाग्रस्त बाईक को जबरदस्ती धकेलकर आगे बढ़ा रहा है।
फिर मैंने रोका और पूछा।
उन्होंने बताया कि कुच्चु निवासी नारायण बेदिया का बाईक दुर्घटना हो गया है।
वह बताया कि वह भी उसे देखकर रूक गया है ।
और जान परिचय व्यक्ति है इसलिए वह अपना बाईक घायल व्यक्ति के पास छोड़कर दुर्घटनाग्रस्त बाईक को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की कोशिश कर रहा था।

वह लड़का भी बहुत परेशान था क्योंकि बाईक टस से मस नहीं हो रही थी।
क्योंकि बाईक का कलच भी टुटा हुआ था।
औल चेन भी टुटकर जाम हो गया था।
इसलिए पीछला चक्का जाम हो गया था।
मैंने भी धकेला तो पुरा चक्का ही स्लीप कर रहा था।
फिर मैंने  अगला ब्रैक दबाकर बाईक स्टार्ट करके 1 गियर लगाकर आगे बढ़ाया तो बाईक का जाम कुछ कम हो गया।
फिर जल्दी-जल्दी बाईक को  आधा किलोमीटर धकेलकर खभावन गांव  में एक घर में रख दिया।
फिर हम दोनो जल्दी जल्दी से घायल व्यक्ति के पास पहुंचे।
घायल व्यक्ति के पास कुछ दुरी में हम दोनो का बाईक खड़ी थी।
मेरा मोटरसाइकिल तब तक स्टार्ट ही था।
क्योंकि रात का समय था।
मेरे साथ जो एक लड़का था वह बदरी गांव का  भुकभुकिया टोला का फुलेन्दर मुण्डा था।

घायल व्यक्ति को चेहरे पर चोट लगा था।
मैंने उनसे ,घायल व्यक्ति को 
जल्दी और सुरक्षित उनको उनके घर पहुंचाने को कहा
क्योंकि दोनों का गांव -टोला एक ही एक ही रास्ते पर है।

।। धन्यवाद दोस्तों ।।






Thursday, February 8, 2024

एक पर्यटक का खोया बाईक चाभी को वापस सौंपा।

हुण्डरू फांल का लुफ्त उठाने आये कपल पर्यटक का बाईक का चाभी खो गया ।

हुण्डरू फांल का लुफ्त उठाने के बाद कपल पर्यटक जब घर के लिए वापस आने लगे तो उनको उनके पास बाईक का चाभी नहीं मिला।
वह थके परेशान होकर बाईक का चाभी वापस सीढियों से फांल उतर गये।
लेकिन बाईक का चाभी नही मिला।
फिर मैंने कई लोगों से बाईक का चाभी मांगकर जमा किया। लेकिन मेरे बाईक के चाभी से हेंडल लोक खुल गया । लेकिन बाईक आंन नहीं हुआ।
फिर मैंने और लोगों से बाईक का चाभी का पता लगाया तो बाईक का चाभी मिल गया।
बाईक का चाभी टिकट काउंटर में ही छुटा हुआ था।
फिर उनसे चाभी लेकर उन्हें दिया।
उन्होंने उनको खुशी से 100 रूपया दिया।






एक महिला का खोया बाईक चाभी को वापस सौंपा।

एक  महिला का खोया बाईक चाभी को वापस सौंपा।


दिनांक 08/02/2024 दिन बृहस्पतिवार को एलबम सुट करने के बाद खभावन बाजार गया।
सुरज स्टुडियो के पास बाईक की चाभी ढुंढती एक महिला आई ।
वह परेशान थी क्योंकि उसके हाथो से बाईक का चाभी खो गया था।
फिर मैंने उनको उनका खोया हुआ बाईक का चाभी ढुढकर सोंपा।


Thursday, January 18, 2024

हुण्डरू फांल में SHOPPING QUOSK और FOOD QUOSK के डाक का किया गया विरोध और निरस्त करने की मांग।

हुण्डरू फांल में SHOPPING QUOSK और FOOD QUOSK के डाक का किया गया विरोध।



हुण्डरू फांल में बिना ग्राम सभा के अनुमति से बने 
SHOPPING QUOSK और FOOD QUOSK का प्रखण्ड कार्यालय से डाक करने की नोटिस पर हुण्डरू ग्राम सभा से विरोध किया गया ‌और प्रस्ताव पारित किया गया।

साथ मे आवेदन लेकर प्रखण्ड कार्यालय अनगड़ा भी पहुंचा गया।

।।।।।गुणाह।।।।।
१. शासन और प्रशासन का गुणाह है कि बिना ग्राम सभा का SHOPPING QUOSK और FOOD QUOSK
का निर्माण करना।

२. अवैध भूमि पर निर्माण करना।
३. SHOPPING QUOSK और FOOD QUOSK
का वितरण ग्राम सभा के द्वारा करना चाहिए था।
पहले मुखिया और प्रधान को को इसकी वितरण की सूचना जारी करना चाहिए था।
लेकिन इसे अनदेखा कर और ग्रामीण की और स्थानीय निवासी और ग्राम सभा की बात न मानकर प्रखण्ड अधिकारी पेशा एक्ट 1996 का उलंघन कर दिया है।


जिसे अब  इस संबंध में कई विभागों को RTI का जवाब देना पड़ेगा।



Sunday, January 14, 2024

शक्तिमान ने कैसे ढुंढा गुम हुआ मोबाइल ।।


दिन रविवार शाम को एक लड़के के साथ गोला market गये।
ठंडा का मौसम भी है।
उबड़- खाबड़, घुमावदार और रास्ता सुनसान, डरावना भुत - पीचास ,लुट चोरी ,कांड वाला रास्ता जिससे रात को गुजरने का कोई शायद ही चलने और गुजरने का हिम्मत करता है। इसी जगह पर बिजली उत्पादन का बांध भी है।
यहां हाथी का भी प्रकोप रहता है।
इसलिए रात को यहां से गुजरने का साहस शायद ही कोई करता है।
हमें गोला मार्केट से कुछ जरूरी सामान लेकर जल्दी वापस आना था।
लेकिन उस लड़के ने अपना बाल कटवाने चला गया । 
फोन करने पर भी नही उठा रहा था ।
इसमें १- २ घंटा लगा दिया । 
इतना देर मैं इंतजार करता रहा।
फिर वह आ गया और हम घर के लिए निकले।
फिर उसी सुनसान रास्ते से होकर घर पहुंचे।
हुण्डरू फांल पहुंचे।
बिना वजह टाईम बर्बाद करा दिया। 

फिर उस लड़के को पता चला कि उसका मोबाइल रास्ते में कहीं गिर गया है।
मैने उस नम्बर पर कोल किया तो मोबाइल बार बार रिंग हो रहा था।
इसलिए पता चला कि मोबाइल कहीं सुनसान रास्ता में ही गिर गया है।
फिर मैने उनसे मोबाइल को track करने के लिए email id और password पुछा तो उसको यह भी पता नहीं था।
ठंडा और उस पर गुस्सा भी रहा था।
फिर तुम मोबाईल ढुंढने चाहते हो तो जाव।
मोबाइल से रिंग करते रहना । मोबाइल रास्ता के बाहर भी गिरा होगा तो मिल जाएगा।
उसके पास और तो मोबाइल था नही जिससे रिंग करता ।
इसलिए मैंने उसके बड़ा भाई को कांल किया इस बारे में बताया।
फिर उनसे आप दोनों भाई मोबाइल ढुंढना चाहते हो तो मेरा बाईक लेके जाओ।
लेकिन वह अपने पिताजी से पुछकर बताया कि मोबाइल नहीं ढुंढेंगे । उसके भाई को घर तक छोड़ने को कहा।

किसी का मोबाइल खो जाने से कैसा लगता है हर कोई जानता है।
फिर उसका भाई। बार बार फोन ढुंढने के लिए रिक्वेस्ट करने लगा।
मैने उनसे कहा तुम बाईक चलाओ मैं मोबाइल को बार बार रिंग करूंगा और रास्ते में देखते हुए जाएंगे तो फोन मिल जाएगा।
लेकिन कुछ दुर जाकर मेरा मोबाइल बंद हो गया।
फिर मैंने उनकै कहा अब बाईक रोको मैं चलाऊंगा।
तुम फोन को नहीं खोज पाओगे।

क्योंकि वह रास्ते पर रास्ते को स्कैन नहीं कर पाता।
और मोबाइल को नहीं ढुंढ पाता ।
लेकिन वह बाईक चलाता रहा और पुरा रास्ता ही खतम हो गया।
लेकिन फोन नहीं मिला।
फिर मैंने उनसे उनके कोई मेहमान घर से मोबाइल मंगवाया और बार बार कोल करते रहने के लिए कहा और बाईक मैंने चलाने लगा ।
फिर उनसे कहा तुम बार बार मोबाइल को रिंग करते रहो।
लेकिन  बार बार कोल कर रहा था लेकिन जल्दी जल्दी कांल नही कर रहा था।
जिससे फोन का मिलने की संभावना कम हो जाती थी।
लेकिन मैंने रास्ते को डिप स्कैनिंग करते हुए बाइक चला रहा था।
जिससे मोबाइल मिल गया।

Friday, November 10, 2023

रियल शक्तिमान ने घायल छात्र का मोबाइल ढुंढने में किया मदद।।

अनगड़ा , हाहे में स्कुटी - बाईक दुर्घटना में उषा मार्टिन यूनिवर्सिटी के घायल छात्र का मोबाइल खो गया था।
छात्र के दोस्त ने मुझे मोबाइल ढुंढने के लिए बार-बार रिक्वेस्ट किया और वह परेशान था।
वह उस मोबाइल पर काल कर रहा था मोबाइल रिंग भी हो रहा था।
लेकिन कोई जवाब नहीं आ रहा था।
मैं सी एच सी गोंदलीपोखर ही उनके दोस्त से वह मोबाइल नम्बर मांगा और बार - बार रिंग किया फिर घायल छात्र के दोस्त को उनके दुसरे  दोस्त को काल करके घटनास्थल पर जाकर मोबाइल ढुंढने को कहा और मोबाइल मिल गया।
।। धन्यवाद।।

(अनगड़ा). रियल शक्तिमान ने किया घायलों को मदद।

(अनगड़ा).  रियल शक्तिमान ने किया घायलों को मदद।

दो स्कूटी - मोटरसाइकिल टक्कर में घायलों लोंगो को किया मदद।

मैं खेलगांव में लोकनृत्य क्लास के बाद अपने घर हुण्डरू फांल आ रहा था। जैसे ही अनगड़ा के हाहे रोड के पास पहुंचा अचानक देखा कि स्कुटी - मोटरसाइकिल में टक्कर हुई है और रोड पर घायल लोग बिखरे पड़े हैं। मैं  वहां रूका और देखते ही देखते भीड़ होनी शुरू हो गई।
यह दुर्घटना लगभग 1 मिनट भी नहीं हुआ था।
मैंने घायलों को देखा और 108 में एंबुलेंस के लिए कांल किया तो अनगड़ा और आसपास में एंबुलेंस उपलब्ध नहीं था। 108 में कहा कि सदर से एंबुलेंस जाएगी क्या आप इंतजार करना चाहेंगे। 
एंबुलेंस आने में ज्यादा देर हो जाती इसलिए मना कर दिया।
फिर आंटो में सवार करके  सी एच सी अनगड़ा पहुंचाया।
फिर प्राथमिक उपचार होने लगा ।
दुर्घटना में घायल उसा मार्टिन यूनिवर्सिटी, अनगड़ा के दो विद्यार्थी भी घायल थे।
जिसमें से एक विद्यार्थी का एक विद्यार्थी को सर पर ज्यादा चोट लगी थी और ज्यादा खुन बहा था।
और एक का आंख में चोट लगी है। वह शराब के नसा भी लग रहा था। विद्यार्थियों के मुताबिक गलती इन्हीं की थी। वह बोल भी नही रहा था।
 लेकिन कोई इसे हेंसल का बता रहा था।
 
 सी एच सी अनगड़ा में प्राथमिक उपचार हो ही रहा था गस दौरान मैंने 3 बार 108 में कांल करके एंबुलेंस बुलाना चाहा।
लेकिन कई बार उनके दोस्त भी देर होने की आसंका में मना करने को कहा।
फिर फिर दुसरा गाड़ी से स्वर्णरेखा अस्पताल में उपलब्ध एंबुलेंस से रांची ओर्किड अस्पताल के लिए रवाना किया।
इसमें उनके सभी दोस्तों में उदासी छाई थी और यूनिवर्सिटी के प्रिंसिपल को कांल कर सुचना दिया गया।
फिर मैं घर चला आया।


Sunday, November 5, 2023

रियल शक्तिमान ने बचाया महिला पर्यटक की जान।।

रियल शक्तिमान ने बचाया महिला पर्यटक की जान।।
क्या है घटना - 
हुण्डरू फांल में मैं फोटोग्राफी कर रहा था। घर से फोन आया था की मेरी मां तैयार थी , मुझे अपनी मां को सिकिदिरी ढेलवाखुटा दसकर्म के लिए मौरखी घर पहुंचाने जाना था। मैं फांल से निकलने ही वाला था लेकिन एक पर्यटक को एक एक तस्वीर देना था इसलिए कुछ क्षण रूक गया था। 

तभी पर्यटकों की आवाज़ आने लगी। हर कोई डुबती बहती महिला को अपनी अपनी जगह पर खड़े होकर देख रहा था।

फिर मैंने पत्थरों और चट्टानों पर उछलते ,कुदते छलांग लगाते उस महिला के पास पहुंचा।
पर्यटकों ने पत्थरों के बीच डेगते और छलांग लगाते पैरों की सटिकता को देखकर रोमांचित भी हुएं और हौसला भी बढ़ाया।
महिला पानी की धार में बहती हुई पानी के ही बीच में एक छोटी सी नुकीली सी पत्थर पर पेट के सहारे अर्थात तीनके के सहारे अटक गयी थी और मदद की राह देख रही थी और बहुत घबराई हुई थी।

कैसे बची जान - 
मैंने उस महिला को अपना टी-सर्ट उतारकर पकड़ाया और किनारे लाना चाहा तो महिला पर्यटक बोली, मैं डुब जाऊंगी।
फिर मैंने कपड़ा और जुता पहने हुए ही पानी में चला गया और उस महिला को अपनी सहारा देकर नदी के किनारे-किनारे से ले जाकर उसे उनके परिजन को सौंप दिया।
सभी महिला के परिजन ने बहुत - बहुत बार धन्यवाद कहा

वहां देख रहे बहुत से पर्यटकों ने फोटो - विडियो भी बनाया।

इन सभी चीजों को देख रही एक महिला पर्यटक ने कही कि तुम वही हो न जो हमलोग का फोटो खिंचे हो। मैने कहा हा मैं वहां हुं।
यह महिला और और उनके सभी साथी  कांके सायद IIAM में प्रशिक्षण के लिए आई हुई हैं। लेकिन आज  हुण्डरू फांल घुमने आई थी। उनृही को मैं फोटो देना था इसलिए घटना सेज्ञपहले थोड़ा इंतजार किया था।

डुबती - बहती महिला के बुजुर्ग परिजन ने ने मुझे अपने पास बुराकर मुझे 100/- दिया इससे कुछ खा लेना तो मैंने मना नहीं कर पाया और खुशी से स्वीकार किया।।

फिर मैंने तेजी से भागा घर और अपनी मां को दसकर्म के लिए सिकिदिरी ढेलवाखुटा पहुंचाया।

लेकिन उनके परिजन से मैंने कोई जानकारी नहीं ली।

।। धन्यवाद दोस्तों।।


Friday, September 8, 2023

घायल भुनेश्वर बेदिया को RIMS Hospital Ranchi पहुंचाया।

06.09.2023 दिन बुधवार की रात को हुण्डरू फांल निवासी भुनेश्वर बेदिया बाईक से बुटगोड़ा गाव के समीप दुर्घटना हो गई। वह खभावन से घर आ रहा था।
बाईक क्षतिग्रस्त हो गयी और भुनेश्वर बेदिया लहुलुहान हालत गंभीर व घायल हो गया।

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इसे हुण्डरू गाव के मोहित बेदिया और अजय बेदिया ने
रोड किनारे घायल पाया।
फिर इसकी सुचना  मुझे मिला ।
फिर मैं गाड़ी लेकर घटना स्थल पहुंचा और उसे लेकर RIMS Hospital Ranchi पहुंचा।


रियल शक्तिमान ने घायलों को पहुंचाया अस्पताल।।

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Tuesday, September 5, 2023

बंगाल के पर्यटक को गुम हुआ बैग ढुंढ कर किया वापस।

बंगाल से आये पर्यटक अमलना साधुखान का बैग हुण्डरू फांल,झरने के पास गुम हो गया था।
अमलना साधुखान ने खुद ही एक बार जाकर ढुंढा भी था परन्तु बैग नहीं मिला था।
वह बहुत हैरान परेशान था।
फिर इसकी सुचना मुझे मिली।
मैं पर्यटक से मिला।
लह बहुत परेशान दिख रहा था।उन्होने बताया कि उसका बैग झरने के पास गुम गया है। उसको रात को ट्रेन से कोलकाता जाना है। उसका टिकट बैग में ही है। बेग में क्रेडिट कार्ड, एटीएम ,मेडिसिन,पान कार्ड ,वोटर आईडी, जैसे दस्तावेज भी बैग में ही है। उसमें करीब 2000 रूपया पैसा भी है।
आंटो वाला भी रात हो जाने पर,देर होने पर  उसे डाट रहा था।
परन्तु मैंने उसे अंधेरे में ही एक टोर्च लेकर उसे साथ लेकर झरने के पास गया और जगह को scan किया परन्तु scan करने से बैग नहीं मिला। फिर बारिकी से
बैग ढुंढना शुरू किया तो बैग पत्थरों से दुर की नज़रों से छिपा मिला।
बैग मिलने से पर्यटक मुझसे लिपट गया और अपनी परेशानी , तकलीफ़ को बताते हुए सामान्य करना शुरू किया। बार बार आभार व्यक्त करता रहा।
अपने परिवार और रिस्तेदारो को फोन कर इसकी जानकारी देने लगा।
मुझे कुछ पैसे देना चाहा परन्तु मैंने मनाज्ञकर दिया।

Monday, August 28, 2023

हुण्डरू फांल में गोदाम बने शौचालय को मुक्त करने की मांग

राष्ट्रपति कार्यालय भारत सरकार द्वारा मेरे द्वारा लिखे गये पत्र का निरीक्षण के लिए थाना अनगड़ा ,रांची झारखण्ड आया।






POLICE STATION,Angara,Ranchi, Jharkhand
 राष्ट्रपति कार्यालय भारत सरकार द्वारा मेरे द्वारा लिखे गये पत्र का निरीक्षण के लिए थाना अनगड़ा ,रांची झारखण्ड आया।
इस पत्र के संबंध में निरिक्षण हेतु मुझे अनगड़ा थाना बुलाया गया।
परन्तु जब मैं इस संबंध में अनगड़ा थाना के लोगों को समझाने की कोशिश किया तो वे मुझे समझने से इनकार कर रहे थे।
इसलिए मैंने स्वयं इस पत्र के संबंध में आदरणीय राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रोपदी मुर्मू जी को जानकारी उपलब्ध कराना आसान समझा।


Sunday, August 27, 2023

हुण्डरू ग्राम सभा के लिए सुचना उपलब्ध कराया गया

24.08.2023
हुण्डरू जलप्रपात पर्यटन सुरक्षा समिति
(व्हाट्सएप ग्रुप)
 जन जागरूकता अभियान
.................................... 
सूचित किया जाता है कि  दिनांक 26.08.2023 दिन ... शनिवार.. को सुबह 9:00 बजे ग्राम हुण्डरू के मंडा घर के प्रांगण में एक आवश्यक बैठक रखी 
ख है ।
और यह हुण्डरू ग्राम प्रधान के अनुसार ग्राम सभा की बैठक होगी।
इस बैठक में गांव के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा और समाधान करने के लिए महत्वपूर्ण विषयों दिक्कतों को रजिस्टर में लिखा जाएगा। फिर एक-एक विषयों पर दिक्कतों को समाधान हेतु कार्य किया जाएगा।

ग्राम सभा में बैठक अनिवार्य है इसमें सभी लोगों को समस्याओं को लिखा जाएगा।
जैसे - 
# हुण्डरू फांल का ग्राम सभा से संचालन ।
# भविष्य में पर्यटन कर्मी का नियुक्ति ग्राम सभा से।
# हुण्डरू फांल में shopping kiosk की आवंटन पर चर्चा करना।
# वन अधिकार कानुन की जागरूकता।
# पेशा कानुन की जागरूकता।
# ग्राम सभा के अनुमति के बिना चल रहे कंपनी को ग्रामसभा के अधीन लाने पर जागरूकता |
# सरकार की योजनाओं पर चर्चा।
गांव के सभी ग्रामीण एवं युवाओं की उपस्थिति अनिवार्य है
क्योंकि बाद में कोई भी परेशानी को इधर - उधर एक दुसरे को बोलने से कोई फायदा नहीं होगा।

इसी तरह से रोज दिन परेशानियों को एक - दुसरे को बताते  बताते पीढ़ी बीत जायेगा। फिर अगुवाई करने वाला कोई नहीं होगा। फिर कहिएगा l

अगुवाई करने वाला अपने गांव का नहीं है बल्कि बाहरी है और गांव के लोगों के अधिकार का हनन हो रहा है।

                        अतः ग्रामीण एवं युवाओं से आग्रह किया जाता है कि आप सभी  का बैठक में उपस्थित अनिवार्य है और उपस्थित होने की कष्ट करेंगे।

                                 युवा समाज सेवी एवं   वन
                           रक्षा समिति , हुण्डरू ( उपाध्यक्ष)
                                         सोनु बेदिया

संसार का सबसे बड़ा पाप है किसी बेबस,लाचार, असहाय, गरीब निर्बल व्यक्ति को सताना।






संसार का सबसे बड़ा पाप क्या है?

किसी व्यक्ति द्वारा हज़ारों-लाखों लोगों को मारने से भी ज्यादा सबसे बड़ा पाप है किसी बेबस,लाचार, असहाय, गरीब निर्बल व्यक्ति को सताना।
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जब ऐसी पाप किसी गांव में और उस गांव के घर परिवारों में गुजर रहा हो। दसकों से किसी गांव के परिवारों पर शोषण और अत्याचार हो रहा हो और सरकार की नजर और पहुंच उस गांव में ना हो।

ऐसी परिस्थिति में गांव में ईश्वर का अवतार लेना आवश्यक हो जाता है। जो बदल देता है गांव और क्षेत्र की तस्वीर।
इसमें साथ देना चाहिए सरकार और प्रशासन को परंतु सरकार और प्रशासन ही ऐसी शोषण और अत्याचार संलिप्त हो जाए।

ऐसी परिस्थिति आ जाने पर उस अवतार के लिए आवश्यक हो जाता है सरकार और प्रशासन को सबक सिखाना।
ना कि उनका गलती या गुनाह बताना क्योंकि वह अपनी गलती और गुनाह को जानबूझकर दोहराते हैं चाहे रिश्वत लेकर हो या राजनीति या कुटनिती।

ऐसे में उस गांव में और उस गांव के लोगों पर जैसा शोषण और अत्याचार हुआ उसे कर देता है पूरी दुनिया में लागू।
जिससे देश और दुनिया में आ जाती है प्रलय।

जिससे सरकार और प्रशासन सबक सीखने के लिए हो जाता है मजबूर और समय के साथ परिवर्तन के लिए हो जाता है मंजूर।

दुनिया जानने के लिए हो जाएगी मजबूर कि उस गांव में ,उस गांव के घर-परिवारों में ऐसा क्या और कैसे हुआ अत्याचार और शोषण।
दुनिया में प्रलय आने के लिए क्यों हुआ मजबूर।

मनुष्य ऐसा प्राणी है जिसके मस्तिष्क को समझना कठिन है।
जो इंसान मनुष्य के चारों श्रेणियों के ज्ञानी हो जिससे एक सामान्य इंसान उस व्यक्ति को समझने में असमर्थ हो तो ऐसे लोग उस इंसान को पागल ही समझते हैं या समझते रहेंगे परंतु मनुष्य सब प्राणी है जिसकी मस्तिष्क को समझना कठिन होता है परंतु वह इंसान ज्ञानी भी हो सकता है परम ज्ञानी भी हो सकता है और कोई अवतार भी हो सकता है।

रघुकुल रीत सदा चली आई ।।
प्राण जाए तो जाए वचन जाने न पाए।

मेहनत इतनी खामोशी से करो कि सफलता सोर मचा दें।

Backup mode किसी भी अवतार के पास दैविक शक्ति बैकअप के रूप में अवश्य होता है।

कोई अवतार अपने जीवन में कैसी लीला रचता है।
कैसे कर्म करते हैं। यह उस पर निर्भर करता है।

प्रारबध अवतारी पुरुष को उसका कर्तव्य पुरा करने में सहयोग करता है।

सत्ता मानवता का उद्धार के लिए होती है परंतु कलयुग में ऐसा नहीं हो रहा है।

कहावत है अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।
यह कहावत सिर्फ और सिर्फ एक सामान्य इंसान पर लागू होती है किसी अवतारी पुरूष पर नहीं।

शिक्षा उसे नहीं कहते जो सिर्फ किताब के पन्नों में मिलती है। शिक्षा तो अपने आप में अथाह सागर है, जिसे सीमाओं में बांध पाना मुमकिन नहीं है, जो ज्ञान एवं विद्या हमारे अंदर हैं उसे प्रकट करने के लिए हमसे बड़ा कोई स्कूल नहीं है। मनुष्य को जीवन में हमेशा करनी अज्ञानता दुर करने की कोशिश करना चाहिए। क्योंकि सिखना बंद तो जीतना बंद।

धन्यवाद दोस्तों।





जीवन की अनमोल वचन संग्रह। Thoughts,quotes,

 

जीवन की अनमोल वचन संग्रह।


दोस्तों जीवन में अनमोल वचनों का महत्वपूर्ण भूमिका होती है यह अनमोल वचन जीवन को सरल बनाती है जीवन को शांतिपूर्ण बनाती है और मानवता में प्रेम को बढ़ाती है।


01.जीवन की अनमोल वचन संग्रह।

02.जीवन की अनमोल वचन संग्रह।

03.जीवन की अनमोल वचन संग्रह।

04.जीवन की अनमोल वचन संग्रह।
05.जीवन की अनमोल वचन संग्रह।

06.जीवन की अनमोल वचन संग्रह।

07.जीवन की अनमोल वचन संग्रह।

08.जीवन की अनमोल वचन संग्रह।
09. जीवन की अनमोल वचन संग्रह।

10. जीवन की अनमोल वचन संग्रह।

मनुष्य के लिए सभी दु:ख़ो और बिमारियों से छुटकारा पाना हुआ आसान। स्वास्थ्य ( Health is wealth)


 मनुष्य के लिए सभी दु:ख़ो और बिमारियों से छुटकारा पाना हुआ आसान।


मनुष्य अपना भाग्य विधाता स्वयं है।
अज्ञानता ही दु:ख का कारण होता है।

 दुनिया में धरती पर इंसानों में दु:ख जो आता है वह तीन प्रकार से आता है।
 दु:ख तीन प्रकार का होता है- दैहिक दुख,दैविक दुख और भौतिक दुख।
(1) दैहिक दु:ख।
( 2) दैविक दु:ख।
( 2) भौतिक दु:ख।




(1) दैहिक दु:ख किसे कहते हैं?
 दुनिया में दैहिक दु:ख (5%) है।
- ईश्वर ने जो दु:ख देकर धरती पर भेजा है अर्थात जो इंसान जन्म से ही दु:ख देकर धरती पर आता है, उसे दैहिक दु:ख कहते हैं। जैसे - विकलांगता, अपंग, लंगड़ा,रुला,अंधा ,काना, होना इत्यादि।

(2) दैविक दु:ख किसे कहते हैं?
 दुनिया में दैविक दु:ख (5%) है।
धरती पर जन्म लेने के बाद जो दु:ख आया ,उसे दैविक दु:ख कहते हैं। जैसे - याद्दाश्त घर ला जाना, ब्रेन हेमरेज हो जाना, पैरालाइसिस होना, दुर्घटना हो जाना और किसी दुर्घटना के बाद विकलांगता, अपंग, लंगड़ा,रुला,अंधा ,काना, होना इत्यादि।

(3) भौतिक दु:ख किसे कहते हैं?
दुनिया में धरती पर ( 90%) इंसानों के पास भौतिक दु:ख  है। इंसानों के भौतिक सुख सुविधाओं को पाने के लिए, और जल्दी-जल्दी बढ़ाने के चक्कर में यह दु:ख खुद ही पाल लेता है।
भौतिक दु:ख जो होता है यह अनेक प्रकार के बिमारियों से होता है।

बिमारी जो होती है,वह तीन प्रकार से होती है - (1) वात (2) पीत  और  (3) कफ।

विवरण -
(1) वात की बिमारी इस प्रकार से होती है -
जो व्यक्ति खाना खाते समय, भोजन ग्रहण करते समय बात कर-कर के खाना खाता हो,उसे वात की बिमारी होती है।

वात रोग का मुल कारण जिसमें आहार, आनुवंशिक गड़बड़ी,यूरिक एसिड के लवणों काम उत्सर्जन होना आदि।
- इसलिए जब भी खाना खाएं । खाना चबा-चबाकर खाना चाहिए। जिससे खाना अर्थात भोजन पेट में जाने के बाद,खाना को पचाने के लिए जठर अग्नि के जलने से भोजन आसानी से पच सके और लवण बन सके।
लार+लवण = एसिड
एसिड खाना को पचाता है।
जिससे पेट में गैस नहीं बन पाता है और वात की बिमारी दुर होती है।

लक्षण -
 याद्दाश्त चला जाना।
दिमाग का चक्कर आना।
पैरालाइसिस हो जाना।
कोई अंग काम नहीं करना।
अंग शुना हो जाना।
अंग में दर्द होना ।
सरदर्द होना ।
इत्यादि।





(2) पीत की बिमारी इस प्रकार से होती है-
- इंसान के सोते, बैठते, खाते,पीते,नहाते,आते,जाते,चलते घूमते, फिरते हर एक क्षण प्रतिदिन 24 घंटा इंसान के शरीर में पीत बनता रहता है इसका काम है हमेशा बनना और यह पीत कंट्रोल होता है नियंत्रण होता है मुंह के लार से।


इसलिए हमें मुंह के लार को जिसे हम लोग थूक देते हैं उसे थूकना नहीं चाहिए बल्कि उसे अपने अंदर ले जाना चाहिए उसे पी जाना चाहिए उसे पेट में भेज देना चाहिए।

पानी भी मुर्गीयों की तरह घुट-घुटकर पीना चाहिए।
जिससे  मुंह का लार भी पानी के साथ पेट में चला जाए।

आप सभी जानते होंगे कि जब मुंह का लार जाएगा पेट में तो वह पीत में मिल जाएगा। जब पीत और लार दोनों मिलेगा तो लवण बनता है।
 पीत + लार = लवण।
लवन से एसिड बनेगा।
एसिड खाना को पचाता है।
इससे रस तैयार होता है,लत्थी-लत्थी तैयार होता है।
वही रस्सा ( maza ) खुश बनता है और वही खुश इंसान के पुरे शरीर में फैलता है,उसी आधार में इंसान का शरीर बनता है और मनुष्य का शरीर स्वस्थ रहता है।

लेकिन जब मुंह का लार पेट में नहीं जाएगा तो क्या होगा।
जब मुंह का लार पेट में रेगुलर लगातार नहीं जाएगा तो पीत बड़ा हो जाएगा और लार कम होने के कारण ,पीत की बिमारी हो जाएगी।

पीत का लक्षण (1) बा-बार तबीयत खराब हो जाना ।
(2) बार-बार मलेरिया हो जाना। (3) बार-बार ज्वर,बुखार,खांसी मलेरिया,दस्त, खुजली हो जाना।

यह सब बिमारी पीत का है।
यह बिमारी महिलाओं को ज्यादा होती है क्योंकि यह लोग कम पानी पीती हैं। महिलाओं को पथरी ज्यादा होती है क्योंकि ये लोग पेशाब को रोक कर छत रखती हैं।

पेशाब को जब रोक कर रखती हैं तो पेशाब में गंदे कण जम जाती है। इसलिए महिलाओं को ज्यादा वर्दी,खांसी होती है।

यह पीत तब कंट्रोल होगा जब इंसान पानी घुट-घुटकर पीयेगा मुंह का लार पानी के साथ मिलकर  जाएगा पेट में और पीत में मिल जाएगा।


पीत दोष 'अग्नि' और 'जल' इन दो तत्वों से मिलकर बना है। यह हमारे शरीर में बनने वाले हार्मोन और एंजाइम को नियंत्रित करता है। शरीर की गर्मी जैसे कि शरीर का तापमान ,पाचक अग्नि जैसी चीजें पीत द्वारा ही नियंत्रित होती है। पीत का संतुलित अवस्था में होना अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी है। शरीर में पेट और और छोटी आंत में पीत प्रमुखता से पाया जाता है। ऐसे लोग पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे कि कब्ज,अपने, एसिडिटी आदि से पीड़ित रहते हैं।पीत दोष के असंतुलित होते ही पाचक अग्नि (जठर अग्नि) कमजोर पड़ने लगती है। साथ ही हृदय और फेफड़ों में कफ इक्ट्ठा होने लगता है।

पीत का संतुलित अवस्था में होना इंसान के सेहत के लिए बहुत जरूरी है।

पीत का बनना न कम होना चाहिए न ज्यादा।


(3) कफ की बिमारी इस प्रकार से होती है-
- गले में बलगम को कफ के नाम से भी जाना जाता है। जब हमारे गले या नाक के पीछले हिस्से में बलगम जमा हो जाता है,तो इससे बहुत असुविधाजनक महसूस होता है।म्यूकस मेम्ब्रेन (mucus membrain) श्वसन प्रणाली की रक्षा करने और उसको सहारा देने के लिए कफ बनाती है। ये मेम्ब्रेन निम्न अंगों में होती है। मुंह,नाक,गला,साइनस, फेफड़े।

गले की नाक की ग्रंथी 1 दिन में कम से कम 1 से 2 लीटर बलगम का उत्पादन करती है। बलगम या कफ की अधिक मात्रा में होना परेशान करने वाली समस्या हो सकती है। 

इसके कारण घंटों बेचैनी रहना बार बार गला साफ करते रहना और खांसी जैसी बीमारी हो सकती है। ज्यादातर लोगों में यह एक अस्थाई समस्या होती है।

 हालांकि कुछ लोगों के लिए यह एक स्थिर समस्या बन जाती है।
 धूल और प्रदूषण की रोकथाम करके कफ के निर्माण में कमी की जा सकती और इसके लक्षणों को कम करने के लिए दवाएं भी उपलब्ध हैं।




पृथ्वी के महान आयुर्वेद दाता बागवट ने कहा है - भोजन अन्ते विषमभारि:।
अर्थात भोजन के अन्त में पानी पीना विष के समान है।

जब हम खाना खाते हैं या कुछ भी चीज खाते हैं तो वह पेट में चला जाता है यह तो हर इंसान जानता है। लेकिन इसके बाद क्या होता है इसके बारे में आप पूरी तरह से नहीं जानते होंगे। 

हमारे पेट में भोजन जाने के बाद हमारे शरीर में आग जलना शुरू हो जाती है। जिसे हम जठरअग्नि  कहते हैं।
यह 1घंटा 20 मीनट तक जलता है। वहीं जानवरों के पेट में 4 घंटे तक जलता है। 

 इससे हमारे शरीर में खाना को पचाता है।
इससे रस तैयार होता है,लत्थी-लत्थी तैयार होता है।
वही रस्सा ( maza ) खुश बनता है और वही खुश इंसान के पुरे शरीर में फैलता है,उसी आधार में इंसान का शरीर बनता है और मनुष्य का शरीर स्वस्थ रहता है।

तो इसी बीच जब हम पानी पीते हैं तो यह जठरअग्नि जलने के बजाय भुत जाती है। और इससे खाना पचने के बजाय सड़ जाती है और पेट में गैस बन जाती है। यह खून के साथ मिलकर हमारे पुरे शरीर में दौड़ती है और खुश को गंदा करती है।
यह गैस कैसा होता है। यह गैस ऐसा होता है,जब लोग पालते हैं और बदबू देती है।

हमारे शरीर में पेट में गैस बनने से ही हमारे शरीर में 200 से अधिक बिमारियों की शुरुआत हो जाती है।

इसलिए हमें खाना खाते समय भोजन ग्रहण करते समय पानी नहीं पीना चाहिए।

यदि हम भोजन को चबा-चबाकर खाएं तो पानी पीने की आवश्यकता नहीं होगी।

यदि ज्यादा प्यास लगे तो हल्का गर्म पानी पीयें।

भोजन करने से आधा से एक एक घंटा पहले या बाद में पानी पीयें।


ग्राम सभा हुण्डरू की बैठक हुई।

DATE 26.08.2023
नमस्कार दोस्तों.....
आज हमारे गांव में ग्राम सभा में अधिक से अधिक नव युवकों ने भाग लिया और भविष्य में सकारात्मक के साथ हम सभी ने गाव की सामाजिक और आर्थिक समस्याओं व सरकारी योजनाओं पर चर्चा किया....
लगभग 20 बिन्दुओं पर चर्चा की गई।
आगे सकारात्मकता के साथ अपने अधिकार को पाने और ग्राम सभा को और भी मजबुत बनाने पर सहमति बनाई गई।
|| धन्यवाद दोस्तों ||

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