रियल शक्तिमान ने बचाया महिला पर्यटक की जान।।क्या है घटना -
हुण्डरू फांल में मैं फोटोग्राफी कर रहा था। घर से फोन आया था की मेरी मां तैयार थी , मुझे अपनी मां को सिकिदिरी ढेलवाखुटा दसकर्म के लिए मौरखी घर पहुंचाने जाना था। मैं फांल से निकलने ही वाला था लेकिन एक पर्यटक को एक एक तस्वीर देना था इसलिए कुछ क्षण रूक गया था।
तभी पर्यटकों की आवाज़ आने लगी। हर कोई डुबती बहती महिला को अपनी अपनी जगह पर खड़े होकर देख रहा था।
फिर मैंने पत्थरों और चट्टानों पर उछलते ,कुदते छलांग लगाते उस महिला के पास पहुंचा।
पर्यटकों ने पत्थरों के बीच डेगते और छलांग लगाते पैरों की सटिकता को देखकर रोमांचित भी हुएं और हौसला भी बढ़ाया।
महिला पानी की धार में बहती हुई पानी के ही बीच में एक छोटी सी नुकीली सी पत्थर पर पेट के सहारे अर्थात तीनके के सहारे अटक गयी थी और मदद की राह देख रही थी और बहुत घबराई हुई थी।
कैसे बची जान -
मैंने उस महिला को अपना टी-सर्ट उतारकर पकड़ाया और किनारे लाना चाहा तो महिला पर्यटक बोली, मैं डुब जाऊंगी।
फिर मैंने कपड़ा और जुता पहने हुए ही पानी में चला गया और उस महिला को अपनी सहारा देकर नदी के किनारे-किनारे से ले जाकर उसे उनके परिजन को सौंप दिया।
सभी महिला के परिजन ने बहुत - बहुत बार धन्यवाद कहा।
वहां देख रहे बहुत से पर्यटकों ने फोटो - विडियो भी बनाया।
इन सभी चीजों को देख रही एक महिला पर्यटक ने कही कि तुम वही हो न जो हमलोग का फोटो खिंचे हो। मैने कहा हा मैं वहां हुं।
यह महिला और और उनके सभी साथी कांके सायद IIAM में प्रशिक्षण के लिए आई हुई हैं। लेकिन आज हुण्डरू फांल घुमने आई थी। उनृही को मैं फोटो देना था इसलिए घटना सेज्ञपहले थोड़ा इंतजार किया था।
डुबती - बहती महिला के बुजुर्ग परिजन ने ने मुझे अपने पास बुराकर मुझे 100/- दिया इससे कुछ खा लेना तो मैंने मना नहीं कर पाया और खुशी से स्वीकार किया।।
फिर मैंने तेजी से भागा घर और अपनी मां को दसकर्म के लिए सिकिदिरी ढेलवाखुटा पहुंचाया।
लेकिन उनके परिजन से मैंने कोई जानकारी नहीं ली।
।। धन्यवाद दोस्तों।।