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Saturday, June 5, 2021

ब्राह्मण

4. ब्राह्मण
शक्तिमान के सात आदर्शों के पालन करने की साथ-साथ छः अवगुणों को नियंत्रित करना अनिवार्य है। साथ ही साथ क्षत्रिय श्रेणी के नियमों का पालन करना या अनुभवी होना।
भय,क्रोध,चिंता और खिन्नता को नियंत्रिण करना या मुक्त होना।

मनुष्य की मुलभूत चीजें भोजन वस्त्र मकान ।

सात यौगिक चक्रों को जागृत करना या होना।
यह योग, प्राणायाम,आसन, ध्यान जप,तप से संभव है।

कल्कि - कलह क्लेश से मुक्त करने वाला।


आध्यात्मिक शक्तियों के केन्द्र : यौगिक चक्र।
1. सहश्रार चक्र- चोटी का स्थान के पास ।
2.आज्ञा चक्र - दोनों भौंहों के बीच।
3. विशुद्धाख्य चक्र - कंठ में।
4.अनाहत चक्र-हृदय में।
5.मणिपुर चक्र - नाभिकेन्द्र में।
6.स्वाधिष्ठान चक्र - नाभि से नीचे।
7. मूलाधार चक्र - गुदा के पास।



प्रवचन -

न बोलने में नौ गुण:।

अनमोल वचन संग्रह।

मोक्ष से संबंधित प्रश्न और उसके जवाब।

ओम् नमः शिवाय।
गायत्री मंत्र।

मोक्ष वेद

1. शुद्र   शक्तिमान के साथ आदर्शो के विपरीत होना। 1. झूठ नहीं बोलना। 2. चोरी नहीं करना। 3. हिंसा नहीं करना। 4. अपने से बड़े और ब...